हेलीकॉप्टर से दुल्हन लेकर पहुंचा दूल्हा, देखने उमड़ी भीड़
हरियाणा के सिरसा जिले के गांव कागदाना में एक अनोखी शादी देखने को मिली, जब दूल्हा हेलीकॉप्टर में अपनी दुल्हन को लेकर पहुंचा। इस अनोखे नजारे को देखने के लिए कागदाना व आसपास के गांवों के लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। यह शादी कई कारणों से चर्चा में रही—एक तो दूल्हा-दुल्हन दोनों डॉक्टर थे और दूसरा, यह विवाह बिना दहेज के संपन्न हुआ।
हेलीकॉप्टर से हुई दुल्हन की विदाई
गांव कागदाना निवासी डॉ. जगदीश चौधरी के बेटे डॉ. हिमांशु की शादी राजस्थान के सीकर जिले के नवलगढ़ गांव की डॉ. दीक्षा गोदारा से 25 फरवरी को संपन्न हुई। शादी के बाद राजस्थान से विदाई के समय ग्रामीणों का तांता लगा रहा, और जब हेलीकॉप्टर से दुल्हन की विदाई हुई, तो यह दृश्य लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया।
बिना दहेज हुई शादी बनी मिसाल
डॉ. हिमांशु और डॉ. दीक्षा की शादी समाज में एक नई मिसाल बनी, क्योंकि यह विवाह पूरी तरह से बिना दहेज के हुआ। केवल एक रुपये व एक नारियल लेकर परंपरागत रस्म निभाई गई। डॉ. जगदीश चौधरी ने कहा, “हर पिता अपनी बेटी को पढ़ा-लिखाकर बड़ा करता है और उसकी शादी के समय दहेज की चिंता भी सताती है, लेकिन हम दहेज प्रथा के सख्त खिलाफ हैं। हमने बिना दहेज के बेटे की शादी कर समाज को एक संदेश दिया है, जिससे मुझे बहुत खुशी है।”
गांव में हेलीकॉप्टर बना आकर्षण का केंद्र
हेलीकॉप्टर को देखने के लिए दूर-दराज से ग्रामीण कागदाना के खेल स्टेडियम में पहुंचे। लोग इस अनोखी शादी की झलक पाने के लिए उत्साहित थे। जब दूल्हा-दुल्हन हेलीकॉप्टर से उतरे, तो वहां मौजूद लोगों ने इस पल को कैमरों में कैद किया।
सास की इच्छा से हुआ हेलीकॉप्टर का इंतजाम
डॉ. जगदीश चौधरी की पत्नी सरोज की इच्छा थी कि उनकी बहू हेलीकॉप्टर में आए। उनकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए डॉ. जगदीश ने पहले ही हेलीकॉप्टर बुक कर लिया था। उनकी इस अनोखी पहल से शादी गांवभर में चर्चा का विषय बन गई।
इस अनोखी शादी ने समाज को एक नई सीख दी कि बिना दहेज के भी शादी भव्य और यादगार बन सकती है।